Business Startups Zepto| Indias Quality 1 | कॉलेज छोड़ने से करोडपती बनने की कहानी
नमस्कार दोस्तों, Indias Quality 1 Business Startups Zepto | जेप्टो बिजेनस की कॉलेज छोड़ने से करोडपती बनने की कहानी | इस ब्लॉग आर्टिकल में आपका स्वागत है |

पेहले तो आप ग्रोसरी लेने के लिए बाजार जाते थे | आज से कुछ साल पहले शायद ही किसी ने सोचा होगा कि ग्रॉसरी जैसी चीज़ महज 10 मिनट में घर तक डिलीवर की जा सकती है। लेकिन इसे रियलिटो में कर दिखाया ज़ेप्टो कंपनी के फाउंडर्स ने। जेप्टो एक ऐसी कंपनी है जिसकी वैल्यूएशन आज 6,895 करोड़ रुपये से भी ज़्यादा है। वैसे तो इस कंपनी की शुरुआत हुई थी अप्रैल 2021 में दो युवा दोस्तों और कैवल्या वोहरा और आदित्य पालीचा ने की थी। शायद आपको यकीन ना हो यह दोनों आज भारत के सबसे युवा यूनिकॉर्न एंटरप्रेन्योर्स में से एक हैं।
बिजनेस स्टार्ट करने का आइडिया कहां से आया?
ज़ेप्टो के को-फाउंडर्स कैवल्या और आदित्य बचपन से दोस्त हैं, और अच्छे बेस्ट फ्रेंड भी है। दोनों भी मुंबई के मूल निवासी हैं, लेकिन उनका ज्यादातर बचपन का टाइम दुबई में गुज़रा। इनका पहले से ही इंटरेस्ट हमेशा टेक्नोलॉजी में रहा है। जब जब उनके स्कूल के प्रोजेक्ट्स थे वहां भी यह क्रोम एक्सटेंशन, मोबाइल ऐप्स, और वेबसाइट्स बनाने में बीजी रहते थे। आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर सायन्स की ब्रांच में एडमिशन ले लिया।
आगे जाके कोरोना महामारी के दौरान जब सब कुछ बंद हो गया, तो ये दोनों फिरसे मुंबई वापस आए। लॉकडाउन के बीच, कोई भी बाहर नहीं पड़ रहा था और ग्रॉसरी की ऑनलाइन डिलीवरी में हो रही देरी ने उन्हें परेशान कर दिया। 6-7 दिन की डिलीवरी समय ने इन्हें सोचने पर मजबूर किया। यही से उन्हें एक बिजनेस प्रॉब्लम स्टेटमेंट मिल गया | और ग्रॉसरी डिलीवरी में सुधार करने का आइडिया मिला।
एक किराणा कार्ड से ज़ेप्टो तक का सफर
इन्होंने पहले अपने आस-पास के लोगों मतलब लोकल के लोगों को ग्रॉसरी डिलीवर करना शुरू किया। इसका नाम रखा गया किराना कार्ड। यहां ग्रॉसरी पहले 45 मिनट में डिलीवर की जाती थी, लेकिन कस्टमर्स की प्रोब्लेम्स और शिकायतों को देखा और इसे और और बेहतर बनाने का फैसला किया गया।
उनका डार्क स्टोर मॉडल पर काम शुरू हुआ। डार्क स्टोर एक प्रकार के माइक्रो-वेयरहाउस होते हैं, जो शहर के बीचोंबीच स्थित होते हैं। यहां पर कस्टमर्स को एंट्री नहीं मिलती, सिर्फ कंपनी के एम्पलॉयज़ काम करते हैं। इन स्टोर्स के जरिए ज़ेप्टो ने अपने डिलीवरी समय को घटाकर सिर्फ 10 मिनट कर दिया।
अगर आपको इस बिजनेस के बारे में और जानना है तो, इस वीडियो को जरूर देखें |
ज़ेप्टो का बिजनेस मॉडल क्या है |
देखा जाये तो ज़ेप्टो का मुख्य मॉडल डार्क स्टोर्स और डेटा एनालिटिक्स पर बेस्ड है।
- डार्क स्टोर्स की लोकेशन कहाँ होती है? डार्क स्टोर्स को इस तरह ऑप्टिमाइज़ किया गया है कि वे कस्टमर्स के घरों के पास होंता है। इससे समय और लागत दोनों की बचत होती है। ये बिजनेस ग्रोथ और कस्टमर्स सटिस्फिकेशन के लिए अच्छा है |
- डेटा एनालिटिक्स का उपयोग
ज़ेप्टो यह एनालिसिस करता है कि किस इलाके में कौन से प्रोडक्ट की डिमांड सबसे ज़्यादा है। उसी हिसाब से स्टोर्स में प्रोडक्ट्स स्टॉक किए जाते हैं। जिसे डिलिव्हरी एम्प्लॉई का टाइम बचे और फास्टेस्ट डिलिव्हरी हो सके | - फास्टेस्ट पैकेजिंग सिस्टिम
ऑर्डर मिलने के बाद केवल 57 सेकंड में ग्रॉसरी को पैक करके डिलीवरी एजेंट को सौंप दिया जाता है। इतना स्पीड है इसमें| - स्मार्ट रूट गाइडेंस की मदत
डिलीवरी एजेंट्स को ऐसे रास्ते बताए जाते हैं जो उन्हें ग्राहकों तक सबसे तेज़ पहुंचा सकें। ये भी बिजनेस का स्मार्टमुव्ह है |
ज़ेप्टो की सफलता का कारण
ज़ेप्टो की सफलता के पीछे इनकी तेज़ डिलीवरी और स्मार्ट स्ट्रेटेजी ये दोन ऑप्शंस है। क्या आप जानते है की शुरुआत के 6 महीने में ही ज़ेप्टो ने 490 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली थी। आज यह 11 बड़े-बड़े शहरों में काम कर रहा है, जिनमें दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, और हैदराबाद जैसे बड़े शहर शामिल है |
ज़ेप्टो ने अभी तक बिगबास्केट, जोमैटो, और अमेज़न जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियों को सीधी टक्कर दी है। जहां आदर कंपनियां 1-2 दिन में डिलीवरी करती थीं, वहीं ज़ेप्टो ने इसे 10 मिनट में कर दिखाया। अगर आपको और भी जानना है तो Indias Quality 1 Business Startups Zepto | जेप्टो बिजेनस की कॉलेज छोड़ने से करोडपती बनने की कहानी | इस आर्टिकल को पूरा पढ़िए |
जेप्टो का फ्यूचर प्लैन क्या है ?
ज़ेप्टो के को-फाउंडर्स का लक्ष्य आने वाले सालों में 100 से ज्यादा लोकेशन्स पर अपनी सर्विस शुरू करने का है। अगर उनका यह टारगेट पूरा होता है, तो छोटे शहरों के लोग भी 10 मिनट डिलीवरी का अनुभव ले सकेंगे। और उनका कस्टमर्स बेस बभी बढ़ेंगा |

ज़ेप्टो से आप क्या सीखेंगे?
ज़ेप्टो की कहानी यह सिखाती है कि एक छोटा आइडिया भी सही प्लैन और कड़ी मेहनत से बड़ी सफलता में बदल सकता है। कैवल्या और आदित्य ने मुश्किलों को अवसर में बदलकर यह साबित कर दिया कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी युवा हो, अपने दम पर एक बड़ा बदलाव ला सकता है। इसलिए आप बह इसे सोच और समझकर आगे जाके कोई भी बिजनेस चालू कर सकते है |
इससे आप क्या सीखेंगे ?
ज़ेप्टो ने न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया को मोटिवेट किया है | यह साबित करता है कि सही पॉइंट ऑफ़ व्यूव्ह, टेक्नोलॉजी, और समय प्रबंधन के जरिए कुछ भी पॉसिबल है। आजकल कितने बच्चे बिजनेसमैन बनने के लिए झुंझ रहे है | लेकिन वो कभी रिसर्च पर ध्यान नहीं देते और कभी कोई प्रोब्लेम्स को एक अवसर के पॉइंट ऑफ़ व्यू से नहीं देखते इसलिए उनको कभी बिजनेस के आयडिआज नहीं मिलते |
आपके पास व्हिजन हो और करने की इच्छा कुछ कर सकते है | इंडिया में और भी सारे स्टार्टअप्स है, जैसे की फ्लिपकार्ट, जोमाटो, ऐमज़ॉन इंडिया जैसे कम्पनियो की शुरुवात लिटरली ज़ीरो से हुई है | तो आज से ही आप डिसाइड के और कुछ न कुछ शुरुवात करिये | तो आप सबके लिए ऑल द बेस्ट |
शायद आप भी में से कितने लोग ज़ेप्टो की 10 मिनट डिलीवरी का अनुभव लेते होंगे |