OYO Business Success Story | Top 1 Story | कैसे एक छोटे शहर के लड़के ने बनाई OYO Hotels की बादशाहत |
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क्या आपने कभी सोचा है कि एक 17 साल का लड़का, जो ना कोई बड़ा इन्वेस्टर है, ना कोई MBA ग्रेजुएट, कैसे करोड़ों की कंपनी खड़ी कर सकता है? आज हम बात कर रहे हैं रितेश अग्रवाल की — उस छोटे शहर के लड़के की, जिसने OYO Hotels को खड़ा करके भारत ही नहीं, दुनिया के होटल इंडस्ट्री में तहलका मचा दिया।
आज OYO की वैल्यू ₹72,000 करोड़ से भी ज़्यादा है, और इसके पीछे छिपी है एक ऐसी ज़िंदगी की कहानी जो हर युवा को मोटिवेट कर सकती है। आइए जानते हैं कैसे रितेश ने जीरो से शुरुआत करके एक ग्लोबल ब्रांड बना डाला। और ये कोई सीधी साधी बात नहीं है।

रितेश अग्रवाल कौन हैं? | Who is Ritesh Agarwal?
रितेश अग्रवाल ओडिशा के रायगढ़ शहर के रहने वाले हैं। उनका बचपन एक मिडल क्लास परिवार में बीता, जहाँ लिमिटेड रिसोर्स थे लेकिन सपनों की कोई कमी नहीं थी। बचपन से ही टेक्नोलॉजी और बिजनेस में दिलचस्पी रखने वाले रितेश ने 13 साल की उम्र से ही कोडिंग शुरू कर दी थी।
“रितेश हमेशा कुछ नया करना चाहते थे, वो दूसरों से अलग सोचते थे।” — उनके दोस्तों की जुबानी
शुरुआत: एक आइडिया से अरबों की कंपनी तक
ट्रैवलिंग और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री की समझ
जब रितेश दिल्ली में पढ़ाई कर रहे थे, तब वे इंडिया के अलग-अलग शहरों में घूमा करते थे। उस दौरान उन्होंने देखा कि बजट ट्रैवलर्स के लिए अच्छे, साफ-सुथरे और भरोसेमंद होटल ढूंढना बहुत मुश्किल होता है।
यही से उन्हें आइडिया आया — क्यों ना एक ऐसा नेटवर्क बनाया जाए जहाँ ट्रैवलर्स को भरोसेमंद और अफोर्डेबल होटल मिल सकें?
Oravel Stays की शुरुआत (2012)
2012 में, सिर्फ 17 साल की उम्र में, रितेश ने “Oravel Stays” नाम से एक प्लेटफॉर्म लॉन्च किया। यह Airbnb की तरह काम करता था — लोग अपनी प्रॉपर्टीज़ को लिस्ट कर सकते थे।
लेकिन जल्दी ही रितेश को महसूस हुआ कि भारतीय बाजार को कुछ अलग चाहिए। यूज़र्स को एक भरोसेमंद और स्टैंडर्ड सर्विस चाहिए — जो हर होटल में एक जैसी हो।
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2013 में OYO Rooms की शुरुआत
रितेश ने Oravel को pivot किया और 2013 में “OYO Rooms” की नींव रखी — जिसका मतलब था “On Your Own”। अब रितेश खुद छोटे-बड़े बजट होटलों से पार्टनरशिप करने लगे। उन्होंने उन होटलों को एक ब्रांड की तरह चलाना शुरू किया, जिसमें बेसिक फैसिलिटीज़, साफ-सफाई, AC, WiFi, TV जैसी चीज़ें गारंटी से मिलती थीं।
“OYO का मकसद था कि हर कोई कम दाम में शानदार होटल एक्सपीरियंस ले सके।”
कैसे काम करता है OYO का मॉडल?
OYO एक Aggregator Model पर काम करता है। इसका मतलब:
- OYO खुद होटल का मालिक नहीं होता
- यह छोटे होटल्स को अपने ब्रांड के तहत लाता है
- होटल स्टैंडर्ड्स सेट करता है — जैसे साफ-सफाई, बेडशीट, कमरे की डिजाइन
- फिर इन होटलों को OYO के ऐप और वेबसाइट पर लिस्ट करता है
फायदे:
- यूज़र को मिलता है भरोसेमंद और सस्ता होटल
- होटल मालिक को मिलती है ब्रांडिंग, बुकिंग्स और टेक्नोलॉजी सपोर्ट
- OYO को मिलता है कमीशन और ब्रांड वैल्यू
OYO को फंडिंग कैसे मिली?
2013 में रितेश ने Thiel Fellowship जीता — यह फेलोशिप PayPal के को-फाउंडर Peter Thiel द्वारा दी जाती है। इसमें रितेश को $100,000 की ग्रांट मिली और साथ ही मेंटरशिप भी।
इसके बाद OYO को कई फंडिंग राउंड्स में निवेश मिला:
वर्ष | इन्वेस्टर | फंडिंग राशि |
---|---|---|
2014 | Lightspeed & Sequoia | $600,000 |
2015 | SoftBank | $100 मिलियन |
2017 | Hero Enterprise, China Lodging | $250 मिलियन |
2018 | SoftBank Vision Fund | $1 बिलियन |
“SoftBank ने OYO में इतना निवेश किया कि ये भारत की सबसे तेज़ी से बढ़ती स्टार्टअप्स में शामिल हो गई।”
International Expansion: OYO का ग्लोबल सफर
OYO सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं रही। इसने जल्द ही इंटरनेशनल मार्केट्स में कदम रखा:
- चीन
- नेपाल
- मलेशिया
- यूके
- USA
आज OYO का नेटवर्क 80+ देशों में फैला हुआ है और 43,000+ होटल्स इसके साथ पार्टनर हैं।

संघर्ष और आलोचनाएं | Challenges Faced by OYO
हर सफल स्टार्टअप की तरह OYO को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा:
- होटल मालिकों की शिकायतें: कई पार्टनर्स ने ओयो पर पेमेंट डिले और गलत शर्तों का आरोप लगाया
- ओवर एक्सपैंशन: तेजी से बढ़ने की वजह से क्वालिटी कंट्रोल में दिक्कतें आने लगीं
- Pandemic का असर: 2020 में कोविड के चलते ट्रैवल इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित हुई
- लॉस में चल रही कंपनी: कई रिपोर्ट्स के अनुसार OYO लगातार घाटे में चल रही थी
लेकिन हर बार रितेश ने इन चुनौतियों से लड़कर खुद को साबित किया।
रितेश अग्रवाल की सीखें | Lessons from Ritesh Agarwal
- कम उम्र में शुरू करो: आइडिया के लिए उम्र मायने नहीं रखती
- समस्या को समझो: रितेश ने खुद ट्रैवल करके होटल इंडस्ट्री की दिक्कतें समझीं
- पिवट करने से ना डरें: Oravel से OYO तक की जर्नी एक बड़ा बदलाव थी
- फेलियर को अपनाओ: गलतियां हर किसी से होती हैं, सीखकर आगे बढ़ो
आज OYO कहाँ है? | OYO’s Current Status
- 43,000+ होटल्स और 1.5 लाख से ज़्यादा कमरे
- ₹72000 करोड़ की वैल्यूएशन
- IPO लाने की तैयारी में
- रितेश अग्रवाल की Net Worth ₹15,000 करोड़+
OYO सिर्फ एक कंपनी नहीं, एक उदाहरण है — कि छोटे शहरों से भी बड़े ख्वाब पूरे किए जा सकते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
रितेश अग्रवाल की कहानी हमें ये सिखाती है कि अगर जुनून हो, तो किसी भी हालत में सफलता मिल सकती है। छोटे शहर से आया एक लड़का आज दुनिया के बड़े-बड़े बिजनेस स्कूल्स में पढ़ाया जाता है।
OYO की जर्नी सिर्फ एक स्टार्टअप की नहीं, बल्कि भारत के यंग एंटरप्रेन्योर्स की ताकत का प्रतीक है।
अगर आप भी बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो इस कहानी से प्रेरणा लें — और बिना डरे अपने सपनों की उड़ान भरें।
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